Job vs network marketing in Hindi जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है

Job vs network marketing in Hindi जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है। दोस्तों आज हम इस पोस्ट में जॉब तथा नेटवर्क मार्केटिंग के बीच अंतर को जानेगे। देखा जाये तो दुनिया में पैसे कमाने के केवल चार रास्ते है। 1. कर्मचारी ( Employee )  2. स्वयं कर्मचारी ( Self Employee ) 3. व्यवसायी ( Businessman ) 4. निवेशक ( Investor ) तो चलिए आसान सब्दो में इनके बारे में समझ लेते है। 

Job vs network marketing in Hindi जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है

कर्मचारी ( Employee ) :- ये वो लोग होते है जो नौकरी करते है। ये लोग दुसरो के लिए काम उन्हें अमीर बनाते है। ये बहुत पढ़े लिखे होते है इसके बावजूद ये दुसरो के लिए के लिए कार्य करते है। इनके काम के बदले इनको महीने के अंत में इनको तय की हुई सैलरी मिल जाती है। 


स्वयं कर्मचारी ( Self Employee ) :- ये वो लोग होते है जो खुद ही मालिक तथा खुद ही नौकर होते है। ये लोग अपने लिए ही काम करते है। इनके पास खुद का छोटा सा व्यवसाय होता है। जैसे दुकानदार, वकील, डॉक्टर, आदि 


व्यवसायी ( Businessman ) :- ये वो लोग होते है जो बड़े बड़े काम करते है। ये लोग खुद का नेटवर्क या खुद का बड़ा व्यवसाय खड़ा करते है। और लोग इनके लिए कार्य करते है। ये लोग पढ़े लिखे लोगो की नॉलेज को इस्तेमाल करके आमिर बनाते है। इन लोगो को पैसे की कोई कमी नहीं होती है।  


निवेशक ( Investor ) :- ये वो लोग होते है जो पैसे से पैसा बनाते है। ये लोग पैसे निवेश करके उन पैसो पर अच्छा खासा कमीशन कमाते है और आमिर बनाते है। इन लोगो के पास भी पैसे की कोई कमी नहीं होती है। 


जैसा की अपने देखा की पैसे कमाने के चार रास्ते होते है। आज हम पहले और तीसरे रास्ते के बारे में बात करेंगे। की जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग मे क्या अंतर है। तो चलिए इनको भी समझ लेते है की आखिर जॉब क्या होती है ? और नेटवर्क मार्केटिंग क्या होती है ?   


नौकरी  ( Job ) :- नौकरी में एक आम आदमी पैसे कमाने के लिए 8-10 घंटे काम करता है। नौकरी में एक व्यक्ति अपने स्किल और समय को बेचकर पैसा कमाता है। अगर इसको अधिक पैसे कमाने होते है तो ये ओवरटाइम करता है। नोकरी में आपकी सैलरी Fixed होती है। 


नेटवर्क मार्केटिंग ( network marketing ) :- नेटवर्क मार्केटिंग एक बिज़नेस होता है। जो की हमें बहुत कम लागत में अच्छे पैसे कमाने का मौका देता है। और यदि आप नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस में एक बार अपना नेटवर्क बना लेते है। तो आप चाहे काम करे या न करे आपकी इनकम आती रहती है। यही नहीं आपको पीढ़ी दर पीढ़ी इनकम आती रहती है।  

दोस्तों यहा तक हमने समझ लिया की जॉब में क्या होता है और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या होता है। तो चलिए अब समझ लेते है की जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर होता है। जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग के बीच अंतर समझाने के लिए हमने इनको कुछ छोटे पॉइंट में विभाजित किया है। तो इन पॉइंट्स के आधार पर दोने में अंतर समझ लेते है की दोने में कोन सही है। 

तथ्यों के आधार पर जॉब तथा नेटवर्क मार्केटिंग में अंतर    

आय के आधार पर 


नौकरी :- जैसा की हमने बताया था की आप अपने स्किल तथा समय को नौकरी में बेचकर पैसे कमाते है। और नौकरी में आपकी सैलरी पहले से ही तय की गई होती है की आपको कितना मिलेगा। नौकरी में आपकी एक्सपोनेंशल ग्रोथ नहीं होती है। यानी जे कर्व ग्रोथ नहीं होती है। अगर नौकरी में आपकी सैलरी 20000 है तो आपको हर महीने 20000 रूपये ही मिलेंगे। अगर आपको अधिक पैसे कमाने है तो आपको ओवरटाइम करना पड़ेगा। मान लेते है की आपकी सैलरी हर साल बढ़ती है। तो 10% के हिसाब से आपकी सैलरी अगले साल 22000 होगी परन्तु 
Job vs network marketing in Hindi जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है
नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी कोई फिक्स्ड सैलरी नहीं होती है। इसमें आपको प्रॉफिट मिलता है यानि एक महीने में आपके और आपकी टीम के द्वारा किये गए टर्नओवर का कुछ प्रतिशत कंपनी आपको देती है। और जैसे जैसे आपका टर्नओवर बढ़ता जाता है वैसे वैसे आपकी सैलरी भी बढ़ती जाती है। नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी सैलरी एक्सपोनेंशल रूप से ग्रोथ करती है। जैसे पहले महीने आपकी सैलरी 20000 है दूसरे महीने 30000 होती है तीसरे महीने 35000 होती है और चौथे महीने 45000 होती है नेटवर्क मार्केटिंग में ऐसा इसलिए होता है क्योकि इसमें कम्पाउंडिंग इफ़ेक्ट काम करता है जो की आप ग्राफ में देख सकते है 


सुरक्षा के आधार पर  


इस पॉइंट में हम जानेगे की क्या नौकरी सुरक्षित है या नेटवर्क मार्केटिंग 

नौकरी :- देखा जाये तो ज्यादातर लोग जॉब इसलिए करते है क्योकि जॉब में सिक्योरिटी मिलती है इसका मतलब है की कंपनी चाहे घाटे में जाये या मुनाफे में जॉब करने वाले को सैलरी मिलती ही है। पर देखा जाये तो सिक्योरिटी गवर्नमेंट जॉब के अंदर ही होती है प्राइवेट जॉब के अंदर भी आपको पूरी सिक्योरिटी नहीं होती है क्योकि अगर आपके बॉस का बिज़नेस मंदा चला तो हो सकता है की वो आपको जॉब से निकाल दे इसलिए जॉब में भी पूरी सिक्योरिटी नहीं होती है। 

नेटवर्क मार्कटिंग  :- नेटवर्क मार्केटिंग में सिक्योरिटी तबतक नहीं होती है जबतक की आप एक अच्छा नेटवर्क बिल्ड नहीं कर लेते है। अगर एक बार आपका सिस्टम Develop हो जाता है तो आपको जीवन भर पैसे आते रहेंगे। और टीम बिल्ड होने के बाद आप आजाद हो  जाते है। यानि आप जितना भी पैसा कमाते है उसको इंजॉय करने के लिए आपके पास भरपूर समय होता है। क्योकि आपकी टीम आपके लिए काम कर रही होती है।   


समय के आधार पर 


नौकरी :- नौकरी के अंदर आपकी टाइमिंग फिक्स्ड होती है। जैसे 9 : 00 से 5 : 00 बजे तक आप काम करते है नौकरी के अंदर अगर आप थोड़ा भी लेट होते है तो आपकी सैलरी में से पैसे काट लिए जाते है। इसलिए आपको नौकरी पर पुरे टाइम पर जाना पड़ता है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में कोई फिक्स्ड टाइमिंग नहीं होती है। इसमें आप जब चाहे तब काम कर सकते है। अगर आप चाहे तो सुबह या शाम किसी भी समय अपने काम को कर सकते है। नेटवर्क मार्केटिंग में आपका कोई बॉस नहीं होता है। 



पेंशन के आधार पर 


नौकरी :- नौकरी में जब भी आप रिटायरमेंट लेते है तो आपको पेंशन मिलती है परन्तु हर जॉब में यह नहीं होता है प्राइवेट जॉब में कोई पेंशन नहीं मिलती है और अब तो सरकारी जॉब में भी पेंशन व्यवस्था हटाने की बात चल रही है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में कोई पेंशन प्लान नहीं होता है। परन्तु नेटवर्क मार्केटिंग में एक बार बिज़नेस सेटअप होने के बाद आपको इनकम आती रहती है। और यह इनकम पीढ़ी दर पीढ़ी आती है। अगर किसी कारणवश आपकी मृत्यु हो जाती है तो आपकी इनकम आपकी फैमिली को ट्रांसफर कर दी जाती है और हर महीने वो सैलरी आपके परिवार को मिलती रहती है। 


मान सम्मान के आधार  पर


नौकरी :- नौकरी में आपका कोई मान सम्मान नहीं किया जाता है। हाँ अगर आपके पास एक अच्छी सरकारी नौकरी होती है तो आपका समाज में एक सोशल स्टेटस बन जाता है। परन्तु प्राइवेट जॉब में आपसे केवल काम की करवाया जाता है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में भी सुरु में कोई मान सम्मान नहीं होता है। क्योकि उस समय आपके पास एक अच्छी इनकम नहीं होती है। परन्तु एक अच्छी इनकम आने के बाद आपके अडोसी पडोसी भी आपका सम्मान करने लगते है। और नेटवर्क मार्केटिंग में आपको बहुत ही सम्मान दिया जाता है। 


बजट के हिसाब से चलना 


नौकरी :- जैसा की आपको पता है जॉब के अंदर आपकी सैलरी फिक्स्ड होती है। इसलिए आपको बजट के हिसाब से चलना पड़ता है। और आपको थोड़े पैसे में ही गुजारा करना पड़ता है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी सैलरी फिक्स्ड नहीं होती है। इसमें आपकी एक्सपोनेंशल ग्रोथ होती है जिसके चलते आपको कभी भी पैसे की कमी नहीं होती है। जिसके चलते आपको किसी भी बजट की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 


पर्सनालिटी डेवलपमेंट के आधार पर 


नौकरी :- नौकरी के अंदर आपकी पर्सनल डेवलपमेंट ग्रोथ ज्यादा नहीं हो पाती है। क्योकि नौकरी के अंदर आपको केवल काम पर ही फोकस कराया जाता है और आपके पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर ध्यान नहीं दिया जाता है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग के अंदर पर्सनल डेवलपमेंट ग्रोथ अच्छी हो जाती है। क्योकि नेटवर्क मार्केटिंग में आपको बार बार स्टेज पर बोलने का मौका दिया जाता है। तथा कई सारे ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा आपका पर्सनालिटी डेवलपमेंट किया जाता है। 


विदेश यात्रा की आजादी 


नौकरी :- नौकरी के अंदर आपको बहुत कम घूमने फिरने की opportunity होती है। नौकरी के अंदर सायद ही कोई कंपनी होती है जो वर्कर को बिना किसी काम के विदेश यात्रा पर ले जाती है वरना नौकरी में कोई भी कंपनी अपने कर्मचारी को विदेश यात्रा करने का मौका नहीं देती है। 

नेटवर्क मार्केटिंग  :- नेटवर्क मार्केटिंग में बिज़नेस में कंपनी साल में एक से दो बार विदेश यात्रा कराती है परन्तु इसके लिए आपको कुछ लेवल अचीव करने होते है। नेटवर्क मार्केटिंग में कंपनी अपने पैसे से आपको विदेश यात्रा कराती है। 


 संभावना       


नौकरी :- जैसा की आप जानते है। की आजकल एक अच्छी जॉब प्राप्त करना कितना मुश्किल है। आजकल आपको एक अच्छी जॉब लेने के लिए कड़ी मेहनत तथा अच्छे Education की आवस्यकता पड़ती है। क्योकि सरकारी नौकरी में कम्पटीशन बहुत ज्यादा हो चूका है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग में भी कामयाब होने की संभावना बहुत कम होती है। क्योकि इस बिज़नेस में बहुत ज्यादा Negativity फेस करनी पड़ती है। जिसके चलते लोग नेटवर्क मार्केटिंग को आधे पर से ही छोड़कर चले जाते है। नेटवर्क मार्केटिंग में भी सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की आवस्यकता पड़ती है। 


शिक्षा के आधार पर 


नौकरी :- देखा जाये तो एक अच्छी सरकारी नौकरी पाने के लिए आपको सुरु में बहुत ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है। तथा सभी चीजों का ज्ञान लेना पड़ता है। जो आपको नौकरी पाने के लिए आवश्यक होती है। 

नेटवर्क मार्केटिंग :- नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस में यदि आप पढ़े लिखे है तो अच्छी बात है। अगर आप नहीं भी पढ़े लिखे है तो भी काम चल जायेगा। क्योकि इसमें आपको किसी भी एजुकेशन की आवस्यकता नहीं होती है नेटवर्क मार्केटिंग में आप सीखते है और आगे बढ़ते है। 
    

नेटवर्क मार्केटिंग जॉब  से  बेहतर क्यों है। 


  • जॉब में आप अपने बॉस के लिए कार्य करते है। लेकिन नेटवर्क  मार्केटिंग में आपका कोई बॉस नहीं होता है। आप खुद लिए कार्य करते है। 
  • जॉब में हमेशा Active इनकम आती है परन्तु नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी पैसिव इनकम आती रहती है। 
  • जॉब में आपकी ग्रोथ प्लस में होती है जैसे 10+10+10+10+10+10+ लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी गुणात्मक ग्रोथ होती है जैसे 10*10*10*10
  • जॉब  में आपको Recurring इनकम नहीं आती है। परन्तु नेटवर्क मार्केटिंग में आपको Recurring इनकम आती है। 
  • जॉब में आप दूसरे के सपनो को पूरा करते है। लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग में आप खुद के सपनो को पूरा करते है। 
  • जॉब में आपको हमेशा एडजेस्ट करना पड़ता है। लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग में आप लक्ज़री लाइफ जी सकते है। 
  • नौकरी में आपको मान सम्मान नहीं दिया जाता है लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग में आपको बहुत ज्यादा मान सम्मान मिलता है। 
  • जॉब में आपकी मृत्यु के बाद सैलरी के तोर पर कुछ भी पैसे नहीं आते है। परन्तु नेटवर्क मार्केटिंग में आपको दो पीढ़ी तक पैसे मिलते है। 





दोस्तों हम आशा करते है की यह पोस्ट Job vs network marketing in Hindi जॉब और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है। आपको अच्छी लगी होगी अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग से रिलेटेड और  भी जानकारी लेना चाहते है तो हमारी दूसरी पोस्ट भी जरूर पढ़े।  

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